किरदार
खुद की भावनाओं से रिश्ता टूटता रहा,
एक नया किरदार अंदर ही अंदर बनता रहा।
रिश्तों से रिश्तों तक का सफर तय होता रहा,
एक नया किरदार अंदर ही अंदर बनता रहा
कभी रोशनी तो कभी अंधेरो से रिश्ता गहरा होता रहा,
एक नया किरदार अंदर ही अंदर बनता रहा।
खुद के वजूद के साथ एक नया वजूद पिरोता रहा,
एक नया किरदार अंदर ही अंदर बनता रहा।
कभी किरदारो को तो कभी श्रोताओ को अपना मानता रहा,
एक नया किरदार अंदर ही अंदर बनता रहा।
हार से जीत जीत से हार का सफर करता रहा,
एक नया किरदार अंदर ही अंदर बनता रहा।
एक कलाकार एक किरदार को अपना मानता रहा,
इस रिश्ते को दिल से निभाता रहा,
एक नया किरदार अंदर ही अंदर बनता रहा।
इस कविता में कला के माध्यम से व्यक्त होने वाले एक किरदार की कहानी बयां की गई है। कविता के शुरुआती पंक्तियों से ही हमें यह अनुभव होता है कि यह किरदार अपनी भावनाओं से जुड़ा हुआ है और वह नये रिश्तों और नये अनुभवों के साथ स्वयं को विकसित कर रहा है।
कविता में दर्शाया गया है कि जीवन एक अनंत यात्रा है, और हर नया किरदार हमें नये अवसर और चुनौतियों के साथ पेश आता है। इस किरदार को अंदर ही अंदर बढ़ते हुए हमेशा नया बनने का अद्वितीय अनुभव मिलता है। जब हम अपनी भावनाओं और रिश्तों के साथ जुड़े रहते हैं, तो हमें नए अनुभवों का सामर्थ्य प्राप्त होता है और हम अपने वजूद को समृद्ध करते हैं।
कविता में उजागर होने वाली एक और महत्वपूर्ण विचारधारा है कि हमें जीवन में आने वाली प्रत्येक रोशनी और अंधकार को स्वीकार करना चाहिए। जीवन के रास्ते कभी-कभी सभी के लिए सुंदरता और खुशियां लेकर चलते हैं, जबकि कभी-कभी ये चुनौतियों और विपरित स्थितियों के साथ भरे होते हैं। यह किरदार हमें याद दिलाता है कि जब हम आदान-प्रदान करते हैं, तो हम खुद को संपूर्णता के साथ स्वीकार करते हैं और नये आयाम तलाशते हैं।
कविता में इस किरदार की गरिमा और साहस का वर्णन किया गया है। यह किरदार अपने कलाकार को मानता है और उसका अपने रिश्तेदारों के साथ उचित संबंध निभाने का नवीन और सराहनीय तरीका ढूंढ़ता है। यह किरदार हमें सिखाता है कि हार और जीत सिर्फ स्थितियाँ हैं, हमारा व्यक्तित्व हमारी विचारधारा और कर्मों में स्थिर है।