किसान आंदोलन
जिस बंदे ने तुम्हारी परोसी थाली है,
पर मजबूरन आज उसी की थाली खाली है।
और समझो धूप बरसात गर्मी -ठण्डी उन दताओ की
वरना राजनीति के चेहरे पर कालिख है।
कल जो बादल वर्षा करते रहते थे
कल तक जो तुमको थाली परसा करते थे
वो आज गरज-बरस कर राजनीति पर आये है
समझो तुम राजनेताओं तुम पर काले साये है।
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Geeta kumari - February 20, 2021, 5:59 pm
किसान आंदोलन पर बहुत सुंदर रचना
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - February 20, 2021, 7:45 pm
वाह
Vanshika Yadav - February 20, 2021, 9:10 pm
Thank you uncle
Satish Pandey - February 22, 2021, 2:58 pm
बहुत सुंदर, अति उत्तम रचना