Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
मै ये नहीं कहती हूँ
एक पत्नी अपने पति से क्या कहती है कविता को आखिर तक पढ़े…… सुनो……! मै ये नहीं कहती हूँ, आपसे कि आप मेरे लिए चाँद…
जिस भजन को सुनके तेरी नैनों से बहते हैं नीर
जिस भजन को सुनके तेरी नैनों से बहते हैं नीर वह भजन हैं तेरे लिए अमृत तुल(तुल्य) (2 बार गाये) ————————————————————————– जिस भजन को सुनके…
जीवन का दर्द लिखो कहती है
जीवन का दर्द लिखो कहती है कलम आज बोलो कहती है उपेक्षित-शोषित-उत्पीड़ित की आवाज बनो कहती है। प्यार-मुहब्बत पर लिखता हूँ रोमांचित होने लगता हूँ,…
*दिनकर आए हैं कई दिनों के बाद*
दिनकर आए हैं कई दिनों के बाद, विटामिन डी ले लो। बांट रहे हैं मुफ्त में सौगात, विटामिन डी ले लो। बातें करो धूप संग…
अति सुन्दर
बहुत धन्यवाद गीता जी