कुछ नया करते
चलो कुछ नया करते हैं,
लहरों के अनुकूल सभी तैरते,
चलो हम लहरों के प्रतिकूल तैरते हैं ,
लहरों में आशियाना बनाते हैं,
किसी की डूबती नैया पार लगाते हैं l
चलो कुछ नया करते हैं,
दुश्मनों की आँखों का सूरमा नहीं,
आँखे निकाल लाते हैं,
चलो दुश्मनों से दुश्मनी निभाते,
दोस्तों पे कुर्बान हो जाते हैं l
चलो कुछ नया करते हैं,
दूसरों का श्रेय लेना बंद करते हैं,
पीठ – पीछे तारीफ करते हैं,
चलो साजिश करना बंध करते,
प्रेमभाव बढ़ाते हैं l
चलो कुछ नया करते हैं,
असामाजिक तत्व को आंख दिखाते,
फ़न मारने से पहले फ़न कुचलते हैं,
चलो बुराई के खिलाफ लठ उठाते हैं,
पीड़ित का सहारा बन जाते हैं l
चलो कुछ नया करते हैं,
हार के बाद भी सबके दिलों को छू जाते हैं,
एक और कोशिश करते हैं,
चलो जीवन को लचीला बनाते हैं,
हर सुबह नई चुनौती का स्वागत करते हैं,
चलो कुछ नया करते हैं ,
फ़िजा में नई उमंग घोलते है,
जीवन में उल्लास भरते हैं,
जो जीना भूल गए हैं,
हर पल को जीना सिखाते हैं l
चलो कुछ नया करते हैं ,
जिंदगी को यूंही नहीं खोते,
दो दिन की जिंदगी है,
कुछ खास करके जाते हैं,
चलो कुछ पल अपने लिए जीते हैं l
चलो कुछ नया करते हैं,
मुझे क्या पड़ी है….. अब बोलना छोड़ दो,
जुल्म ढाने वाले को, बलून की तरह फोड़ दो,
चलो कुछ नया करते हैं ……. l
Rajiv Mahali
बहुत खूब
Thank you
उत्साह वर्धक रचना
Thank you
सुन्दर रचना
Thank you
वाह
Thank you thank you