Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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जंगे आज़ादी (आजादी की ७०वी वर्षगाँठ के शुभ अवसर पर राष्ट्र को समर्पित)
वर्ष सैकड़ों बीत गये, आज़ादी हमको मिली नहीं लाखों शहीद कुर्बान हुए, आज़ादी हमको मिली नहीं भारत जननी स्वर्ण भूमि पर, बर्बर अत्याचार हुये माता…
आजाद तेरी आजादी
भारत मां के अमर पुत्र “चन्द्रशेखर आजाद” की पुण्य तिथि पर मेरी एक तुच्छ सी रचना l रचना का भाव समझने के लिये पूरी रचना…
मैं हूँ नीर
मैं हूँ नीर, आज की समस्या गंभीर मैं सुनाने को अपनी मनोवेदना हूँ बहुत अधीर , मैं हूँ नीर जब मैं निकली श्री शिव की…
वतन के लिए
खून का हर एक कतरा , वतन के नाम कर देंगे। वतन की मिटटी का ये जिस्म, वतन पे कुर्बान कर देंगे। कोशिशे तुम लाख…
हम उस देश के वासी है ।।
हम उस देश के वासी है, जिस देश के घरेलु सकल उत्पाद कभी आकाश चुम रही थी । हम उस देश के वासी है, जिस…
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