कोरोना का कहर, हर गली हर शहर
कोरोना का कहर
हर गली हर शहर
फिर से बढ़ रही है यह बीमारी
जनता मरती जाती बेचारी
आई है वैक्सीन नवेली
तुम आज ही लगवाओ सहेली
अपनी फिर से करो सुरक्षा
फिर से ठप्प हो गई शिक्षा
तुम कहीं भी घूमने जाओ
लेकिन मास्क लगाकर जाओ
मत लो तुम इसको हल्के में
मिलती जान नहीं सस्ते में
ना हो किसी को यह बीमारी
यही प्रार्थना है ईश ! हमारी
कोरोना का कहर
हर गली हर शहर
_______ कोरोना पर कवि प्रज्ञा जी द्वारा लिखित सत्य रचना । कोरोना फिर से फैल रहा है, यही समझाती हुई अति उत्तम रचना
Thanks
सुंदर
Tq
कोरोना को संज्ञान में लेकर लिखी गई
सुंदर रचना
धन्यवाद आपका
कोरोना की वजह से बिगड़े हालातों पर सुंदर रचना
धन्यवाद
ह्रदयस्पर्शी भाव
Dhanywaad
Tq
धन्यवाद