कोरोना महामारी पर आल्हा
कोरोना महामारी आयी हाहाकार है दियो मचाय,
अंतर्मन चित्कार करें अब,कैसी दहशत दियो फैलाय,
ज़रा सी खांसी और जुकाम से,पल में अपने दूर हुइ जांय,
बुखार चढ़े ज्यों सौ से ऊपर,घर में क्वारंटाइन हुई जांय,
कोरोना महामारी आई हाहाकार है दियो मचाय,
घर की फुलवारी उजड़ गयी,सब गलियां सूनी हुई जांय,
हंसी ठिठोली अब ना सुनावे,सुनने को कान तरस है जाए
बहुत खूब
धन्यवाद एकता जी
Very nice
Thank you
बहुत सुंदर रचना
धन्यवाद
अतिसुंदर
समीक्षा हेतु आपका हार्दिक आभार
कोरोना महामारी के कारण सचमुच संसार में हाहाकार हो गया है मार्मिक अभिव्यक्ति तथा आल्हा परंपरा में बहुत ही खूबसूरत अभिव्यंजना