क्या पता ..
किस मोड़ पर मंज़िल
कर रही है इन्तज़ार,
क्या पता …
किस राह में हो जाए
दीदार-ए यार
क्या पता…
जीत एक रास्ता है,
हार एक अनुभव
है जीवन का।
कल क्या हो,
किसी को क्या पता…
____✍️गीता
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Rakesh Saxena - February 25, 2021, 10:04 pm
Nice
Geeta kumari - February 26, 2021, 11:38 am
Thanks for your nice compliment .
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - February 26, 2021, 4:14 pm
वाह
Geeta kumari - February 26, 2021, 6:57 pm
आभार भाई जी🙏
Satish Pandey - February 28, 2021, 4:50 pm
किस मोड़ पर मंज़िल
कर रही है इन्तज़ार,
क्या पता …
किस राह में हो जाए
——– बहुत ही सुंदर रचना। उच्चस्तरीय भाव।
Geeta kumari - February 28, 2021, 7:03 pm
प्रेरक और उत्साहवर्धक समीक्षा हेतु आपका बहुत बहुत धन्यवाद सतीश जी
Anu Somayajula - March 1, 2021, 11:34 pm
सच है गीता जी कल किसने देखा है। किंतु आज को संवारने की कोशिश ज़रूर हमारे हाथों में है।
Geeta kumari - March 2, 2021, 8:09 am
धन्यवाद अनु जी
Pragya Shukla - March 8, 2021, 1:43 pm
Umda
Geeta kumari - March 8, 2021, 9:39 pm
धन्यवाद प्रज्ञा जी