क्यों छोड़ दिया
हर कदम साथ देने का वादा किया
सिर्फ दो ही कदम चलके छोड़ दिया।
तूने खाई थी कसमे साथ जीने की
मौत आने से पहले हीं क्यों तोड़ दिया।।
बड़ी आश से मैंने पकड़ाई थी अंगूरिया
मंजिल आने से पहले हीं क्यों छोड़ दिया।
मुश्किल बड़े हैं इश्क़ के राह में
क्यों अनजानों से नाता जोड़ लिया।।
सुंदर रचना
👌
सुन्दर रचना
त्रुटियाँ हैं पर भाव अच्छे हैं
वाह वाह
धोखेबाजी को प्रकट करती हुई बहुत ही सुंदर रचना