क्रिसमस आया
नभ में उमंगो का गुलाल छाया
देखो ना, क्रिसमस आया ।
कोई अपना किसी से रूठे ना
कहीं किसी अपने का साथ छूटे ना
हर तरफ़ खुशियाँ हो, आश टूटे ना
अपना, अपनों का विश्वास लूटे ना
अपनी कमियों का अहसास आया
देखो ना, क्रिसमस आया ।
किसी की उदासी का, न सवब बन जाऊँ
न किसी का बुरा हो, भाव मन में मैं लाऊँ
आलस न करूँ काम हमेशा सबके आऊँ
जहाँ भी जाऊँ, बस खुशी की गीत मैं गाऊँ
फिर से उम्मीदों को पंख निकल के आया
देखो ना, क्रिसमस आया ।
फिर किसी महामारी का कहर कहीं बरसे ना
ना भय हो मन में,ना कोई मन दर्द से तङपे ना
माँ के आँचल को कोई लोभी भेद पाए ना
सीमा पे किसी बहन की राखी बिखर जाए ना
नवरंग लिए मन में आशाओं का प्रकास आया
देखो ना, क्रिसमस आया ।
सुंदर रचना
बहुत बहुत धन्यवाद गीता जी
सादर आभार
बहुत ही सुंदर पंक्तियां
बहुत बहुत धन्यवाद संदीप जी
बहुत खूब
बहुत बहुत धन्यवाद
Very nice👌👌👌
बहुत बहुत धन्यवाद
बहुत ही लाजवाब