ख़ुद की छोड़ लग गई सबकी सुध
कहने को तो हुए हम घर से बेघर
इश्क तेरे ने किया ख़ुद से बेखुद
ज़िन्दगी कुछ यूँ गुज़री फिर बेसुध
ख़ुद की छोड़ लग गई सबकी सुध
…… यूई
कहने को तो हुए हम घर से बेघर
इश्क तेरे ने किया ख़ुद से बेखुद
ज़िन्दगी कुछ यूँ गुज़री फिर बेसुध
ख़ुद की छोड़ लग गई सबकी सुध
…… यूई
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ye to achi baat he…after all we are human beings
Yes right Anupriya Ji …
बहुत खूब लिखा है
Nice