ख़ूबसूरत है दोस्ती

बहुत ही ख़ूबसूरत होती है दोस्ती,
निज स्वार्थ से ऊपर होती है दोस्ती।
कुछ रिश्ते मिलते हैं, हमें जन्म से,
कुछ रिश्ते मिलते हैं, समाज की रीत से
मगर निज चुनाव पर होती है दोस्ती ।
इसीलिए तो सबसे उपर होती है दोस्ती..
……………✍️गीता……

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Responses

  1. निजी स्वार्थ से ऊपर होती है दोस्ती

    वाह क्या बात है बहुत ही अच्छी रचना है
    आपकी लेखनी को सलाम

  2. इसीलिए तो सबसे उपर होती है दोस्ती..
    “खुद ही खुद बन जाती है दोस्ती”|,
    आपकी लेखनी से सत्यता उजागर हुई है, मैत्रीय संवेदना सुंदर शिल्प के साथ प्रकट हुयी है, लेखनी को सलाम है, अद्भुत क्षमता है। वाह

    1. इतनी सुन्दर समीक्षा के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद एवम् आभार।
      आपकी समीक्षाएं बहुत उत्साह वर्धन करती हैं।🙏🙏

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