खिलखिलाती रहो

तुम सदा मुस्कुराती रहो
खिलखिलाती रहो,
जीवन के आंगन में मेरे
नेह बिखराती रहो।
तुम्हारे नेह से
क्यारी में घर की
खूबसूरत फुलवारी सजी है
यूँ ही महकाती रहो
खुशबू बिखराती रहो।

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Responses

  1. वाह सर, जीवन में नेह.., घर की सुंदर फुलवारी ,बहुत सुन्दर शब्दों का चयन किया है ,खूबसूरत लेखन शैली । काबिले तारीफ़ रचना है सतीश जी आपकी लेखनी को प्रणाम AWESOME WRITING.

    1. आपने बहुत ही सुंदर समीक्षा की है। इस अनुपम समीक्षा शक्ति और लेखनी की प्रखरता को सादर अभिवादन

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