Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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लिख कवि लिख
लिख कवि लिख कवि लिख भावनाओं में बहकर लिख खुशीयों में फूदक कर लिख दर्द आह महसूस कर लिख तन्हाई को साथी बनाकर लिख लिख…
जवाँ सी जवाँ है
हवा आजकल कुछ जवाँ सी जवाँ है, दिले धड़कनें भी जवाँ सी जवाँ है। उदासी नहीं रख कहीं मन लगा ले, अभी तो जवानी जवाँ…
लौट आओ अपने खेतों पर
लौट आओ अपने खेतों पर अब हरित क्रान्ति लिख देंगे। उजाड़ गौशाला को सजाकर अब श्वेत क्रान्ति लिख देंगे। फिर से नाम किसानों का लाल…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
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बहुत सुंदर रचना
रात का अंधेरा बीत गया
सुबह हो गई जवाँ,
उठ जुट जा तू भी
समय मत गँवा।
_______ कवि सतीश जी ने प्रातः काल की बेला का बहुत सुंदर चित्रण प्रस्तुत किया है इस कविता में। सुन्दर शिल्प और अति सुन्दर अभिव्यक्ति
कमाल का लेखन
अतिसुंदर रचना
खिल गई है सुबह
जाग जा अब पथिक
हाथ-मुँह धो ले,
न कर आलस अधिक।
काम पर लग गई है दुनिया
चींटीं से लेकर हाथी तक
अपना चुके हैं,
मेहनत का पथ।
उड़गन भी..
प्रात काल का सुंदर वर्णन करती हुई रचना भोर का प्रकृति चित्रण करती हुई रचना