खुदा लिखने चले थे..!!

वो हुनर में हमारी बराबरी करने चले थे
अरे ! वो नासमझ हैं ये क्या करने चले थे
हमने तो तबाह कर दिया खुद को मोहब्बत में
तब जाकर लिखना आया है
वो तो जल्दबाजी में हमें
खुदा’ लिखने चले थे
यूं तो लिखने को कुछ भी लिख सकते हैं वो
पर वो तो हमारी ही कथा लिखने चले थे
कोई जाकर रोंको उन्हें
मत लिखें हम पर
वरना हम सरेआम बन जाएंगे एक तमाशा
हम तो दिलजले हैं
दिल के जख्म लिखा करते हैं
पर वो तो हमें बेवफा लिखने चले थे…

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

Responses

  1. बहुत बढिया लिखा है आपने
    यह रचना उच्चकोटि की है जिसकी तारीफ करने का लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं

New Report

Close