ख्वाब और ख्वाहिश

हर ख्वाब परवान चढ़े,
ये ख्वाहिश भी नहीं है।
आप ने अपना माना है,
ये दिल ने भी जाना है
हर ख़्वाब पूरा नहीं होता,
हकीक़त भी यही है..

*****✍️गीता*****

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Responses

  1. वाह इतना शानदार लिखा है, लेखनी में भरपूर क्षमता है। वास्तव में जो भी आप लिखती हैं ठोस लिखती हैं।

    1. आपकी इस सुन्दर समीक्षा के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद सतीश जी 🙏 आपकी अद्भुत समीक्षा शक्ति को मेरा प्रणाम ,अभिवादन …..

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