ख्वाहिश

हम बेकार में ही परेशान हो गए
उनकी नजर अंदाजी से
उनकी ख्वाहिश तो हमसे दूर हो
हमें अर्श पर पहुंचाने की थी

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Responses

  1. नजरें जब तीरंदाज़ी का हो
    तब समझना कुछ होने वाला है।
    बदलाव जीवन में जल्द ना सही
    वक्त में चार चाँद लगने वाला है।।

  2. परेशान करने वाला कब चैन से जीता है
    खुद के बिछाए जालों में खुद ही फँसता है

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