गवाही ना दे

- इस कदर मुस्कूरा की ऑखों में आंसू दिखाई ना दे,
- ऐ वक्त! तू अब मेरी वफा मेरी मोहब्बत की गवाही ना दे l
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- दिखा दिया है उसने अपनी ज़फाओं का आलम,
- चल अब छोड़ तू मेरे दर्द पर दुहाई ना दे l
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- कहते है गुनाह छुपता नही छुपाने से कभी,
- मेरा गुनाह सिवा उसके किसी को दिखाई ना दे l
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- कैसे सम्भाला था अपने लड़खड़ाते कदमो को मैने,
- सबको सब कुछ दे रब बस उसकी तरह खुदाई ना दे l
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- इस कदर मूस्कुरा की ऑखों में आंसू दिखाई ना दे,
- ऐ वक्त! तू अब मेरी वफा मेरी मोहब्बत की गवाही ना दे ll
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- राज सोनी “”रहस्य””
Bahut Khoob
वाह
Nice