गांधी जी को नमन
उन्हें देख हिल गए, कांप गए अंग्रेज,
धोती वाले बापू जी की बात ही निराली थी।
उखाड़ा फिरंगी राज, एक किया था समाज,
राष्ट्रवादी भावना की, लहर सी ला दी थी।
सत्य के अहिंसा के, मजबूत अस्त्र थे,
धोती के अलावा, त्याग डाले सब वस्त्र थे।
निराशा में आशा की, चली थी खूब आंधी थे वे।
मोहनदास करमचंद महात्मा गांधी थे वे।
अहिंसा से अत्याचार के खिलाफ जंग लड़ी,
बिखरे हुए देश की मिलाई कड़ी से कड़ी।
दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह से शुरू किया,
लौट कर भारत में बुलंदी हासिल की।
धर्म गत भेद जातिगत भेद दूर किये,
गोरे दुम दबा भागने को मजबूर किये।
आज है जयंती देश करता नमन उन्हें।
शत-शत बार देश करता नमन उन्हें।
वाह वाह, घनाक्षरी के निकट छन्द में। जय बोलो गांधी जी की
शत शत नमन गांधी जी को उनकी जयंती की बहुत बहुत शुभकामनाएं ।
बापू गांधी जी की जयंती पर उनके सभी देश प्रेम को और उनके कार्यों को दर्शाती हुई बहुत ही सुन्दर रचना । लेखनी की क्षमता को अभिवादन
Very nice lines, gret poem
बहुत शानदार लिखा है आपने
वाह वाह बहुत खूब
अतिसुंदर