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हाय मैं सड़क बेचारी
मैं सड़क बेचारी ज्यों अबला नारी। पग पग दलित परम दुखियारी।। हाय मैं सड़क बेचारी काट दिया कोई कहीं पर और बहा दिया पानी घर…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
“हाय रे ! कितनी लोभी दुनिया”
हाय रे ! कितनी लोभी दुनिया हाय रे ! कितनी लोभी… अपनी इज्जत बाजारू कर घर की चलती रोटी… हाय रे ! कितनी लोभी दुनिया…
‘जय बाबा धुंन्धेशवर महादेव’
हिमाचल के इस मंदिरों के ज़रूर करें दर्शन, मिलेगा सभी कष्टों और दुखों से छुटकारा जय बाबा धुंन्धेशवर महादेव हिमाचल की खूबसूरती को तो सभी…
Nice
धन्यवाद
दूध दही घी सुधा सरस
छोंड़ सुरा क्यों अपनाते हो
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति
समीक्षा हेतु हार्दिक आभार
बहुत सुंदर पंक्तियां
धन्यवाद