गीत – जान ए जिगर |

गीत – जान ए जिगर |
तेरी नजर का करम मुझपर अगर हो जाये |
मिल जाये साथ तेरा आसान सफर हो जाये |
लहराकर तेरी जुलफ़े हवाओ जब बलखाती है|
सच कहूँ बिन मौसम सावन असर हो जाये |
तेरे नजरो का तीर दिल पर जब लगते है |
मेरे सनम अब मेरी जान पर कहर हो जाए |
देख तेरे होठो की मुस्कान घायल हम हुये |
तुम नगमो के गीत हर लब्ज बहर हो जाये |
तेरी कातिल अदाए गिराती दिल पर बीजलियाँ |
चलो न चाल मचल जख्मी शहर हो जाये |
आया है झूम के हुशनों शबाब तुझपर बहुत |
दीवाना कही तेरा हर गाँव न नगर हो जाये |
मल्लिकाए हुश्न कहूँ या अफ़सराए जन्नत तुझे |
हो जाऊं जान निसार गर मुझपर नजर हो जाये |
गोरा रंग कातिल काला तिल भी तेरा कातिल |
झूम आओ बांहों तू मेरी जाने जिगर हो जाये |

श्याम कुँवर भारती (राजभर )
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो, झारखंड,मोब- 9955509286

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