चलो आज मेरे दर्द की इंतेहा लिखता हूँ

चलो आज मेरे दर्द की इंतेहा लिखता हूँ,

खुद ही हक़ीम बनके एक दवा लिखता हूँ।

कोई मिला दे यार से, या दे दे ज़हर कोई।

❤Wahid✍

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