चुप रहे
वे न बोले हम न बोले
चुप रहे,
सच के आगे आज भी हम
छुप रहे,
रोशनी में डाल कर पर्दा बड़ा
बस अंधेरे के ही
नगमे लिख रहे।
लगातार अपडेट रहने के लिए सावन से फ़ेसबुक, ट्विटर, इन्स्टाग्राम, पिन्टरेस्ट पर जुड़े|
यदि आपको सावन पर किसी भी प्रकार की समस्या आती है तो हमें हमारे फ़ेसबुक पेज पर सूचित करें|
Geeta kumari - January 27, 2021, 10:38 am
कवि सतीश जी की बहुत सुंदर कविता। उत्तम लेखन
Devi Kamla - January 27, 2021, 3:17 pm
Very nice
Rishi Kumar - January 27, 2021, 3:19 pm
अति सुंदर
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - January 27, 2021, 7:51 pm
अतिसुंदर भाव
Suman Kumari - January 27, 2021, 7:53 pm
बहुत सुंदर