जग में जब छा गया प्रकाश
कोई सो रहा हो,
शयन कक्ष में अंधकार भी हो रहा हो,
सूर्य की किरणें आएंगी,
आ कर उसे जगाएंगी
ऐसा वह सोच रहा हो
किंतु यदि उसी ने,
किरणों के प्रवेश का,
बंद कर दिया हो द्वार
तो किरणें कैसे जाएंगी उस पार
कौन उसे जगा पाएगा
कौन उसे बता पाएगा,
कि दिनकर तो कब के आ चुके
अपनी रौशनी फैला चुके,
जग में छा गया प्रकाश भी,
उसे उठाने का किया प्रयास भी,
किंतु जो जगना ही न चाहे,
उसे यह जग कैसे जगाए।
_____✍️गीता
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Antariksha Saha - February 11, 2021, 10:58 pm
Nice picturization of words
Geeta kumari - February 12, 2021, 11:11 am
Thanks sir
Rakesh Saxena - February 11, 2021, 11:18 pm
बहुत खूब 👌
Geeta kumari - February 12, 2021, 11:11 am
धन्यवाद जी
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - February 12, 2021, 10:32 am
अतिसुंदर भाव
Geeta kumari - February 12, 2021, 11:12 am
सादर धन्यवाद भाई जी 🙏
sunil verma - February 12, 2021, 12:11 pm
बहुत सुन्दर रचना
Geeta kumari - February 12, 2021, 12:55 pm
धन्यवाद जी
Rajeev Ranjan - February 13, 2021, 7:17 am
उम्दा
Geeta kumari - February 14, 2021, 8:23 am
धन्यवाद जी