जब अंत समय नज़दीक हो
जब मेरा अंत समय है नज़दीक हो,
तब आँखों में छवि मेरे बच्चों की हो,
और मेरे हाथों में हाथ तेरा हो…
आयी थी जिस क़दर वद्दू बनकर इस घर में,
उसी जोड़े में विदा करो।
जितनी उमंगों से लाए थे मुझे,
उतने ही दुलार के साथ विदा करो।
जब वो मेरा अंत समय नज़दीक हो…
जिनके प्रेम की पात्र बनी मैं,
उन लोगो से माँगू क्षमा।
कि कोई दूसरा न क़रीब हो,
बस तू ही मेरे साथ हो
मेरी आँखों में छवि मेरे बच्चों की हो
हाथों में हाथ दे रहा हो।
उन मासूमों की अठखेलियों को,
बड़ों के दिए हुए दुलार को,
समेट ले जाऊँ वहीं।
तेरे साथ बिताया वह हर लम्हा
उस अंतिम क्षण में फिर से जी जाऊँ मैं..
मेरा अंत समय जब नज़दीक हो।
HEMANKUR❤️
भावविभोर करती पंक्तियाँ। अंतिम समय की अभिलाषा को अभिव्यक्ति देती पंक्तियाँ।
दिल को छू लेने वाली कविता
लाजवाब
वाह, अंत समय भी जीवन साथी के साथ ही होने का अति सुन्दर भाव ।
सुन्दर प्रस्तुति ।।
Thanq
बहुत खूब
बहुत सुन्दर कविता