जब जब तेरी याद आई है,
जब जब तेरी याद आई है,
मैंने खुद को समझाया है।।
बीते जीवन के लमहो में,
तुमको ही बस पाया है।
रह गया अकेला इस जीवन में,
क्यू तूने मुझे भुलाया है।
जब जब तेरी याद आई है।
मैंने खुद को समझाया है।।
‘
जब मैं होता था तनहापन में,
तेरी राहो को तकता था।
तेरे सहारे ही जीवन के,
हर तूफानो से लड़ता था।
‘
जीवन के सुलझे धागों को,
क्या मैंने ही उलझाया है।
‘
जब जब तेरी याद आई है,
मैंने खुद को समझाया है।
‘
मिलने की ख्वाहिश में मुझसे,
जब तू खाली सा होता था।
मेरे पास तुझसे मिलने का,
समय न कयू तब होता था।
‘
अब मिलने की ख्वाहिश मेरी है,
पर तुमने खुद को मजबूर बताया है।।
‘
जब जब तेरी याद आई है।
मैंने खुद को समझाया है।।
@@@@RK@@@@
वाह