जब तक तारों में नहीं
जब तक तारों मे नहीं
मै हू यही
बस तेरी आस ही है
जिनकी चिंगारी जिंदा रखे हुए है
रेत मे पैरों के निशान जो खो जाती है
वैसा मेरा प्यार नहीं
पत्थर पर कुरेदे एक नाम की तरह
तू है
जिसे भूलना चाहूं पर भूल ना सकू
जब भी मिले लाखों शिकायत तेरी
जब ना मिले ये सन्नाटा सताता है
कभी तेरा बन ना सका
रिहा कभी हो ना सका तेरी यादों से
तस्वीर मै तुम रह गए
तकदीर में नहीं
लोगों की लहरों सी है
पर तू नहीं उसमे
रातों को सोने न देती यह चुप्पी तेरी
पास हों बंद पलकों तले
अश्क जो बहे ऐसा नहीं
दिल मे एक चुभन सी है
बहुत सुंदर
Thanks