जब भी तेरी यादें पलक खोलती हैं
जब भी तेरी यादें पलक खोलती हैं!
कश्तियाँ ख्वाब की साँसों में डोलती हैं!
लफ्ज़ तोड़ देते हैं खामोशी अपनी,
#मंजिलें भी तेरा ही नाम बोलती हैं!
जब भी तेरी यादें पलक खोलती हैं!
कश्तियाँ ख्वाब की साँसों में डोलती हैं!
लफ्ज़ तोड़ देते हैं खामोशी अपनी,
#मंजिलें भी तेरा ही नाम बोलती हैं!
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umda!
nice
लफ्ज़ तोड़ देते हैं खामोशी अपनी ……. har lafaz apnee khamoshee cheekh cheekh kar byaan kar rha hai….bohut ache Mithilesh bhai
Good
बहुत खूब