Categories: मुक्तक
Related Articles
वीरों का दिल से अभिनन्दन।
वीरों का दिल से अभिनन्दन। सीमा पर डटकर खड़े हुए, दो-नयन शत्रु पर गड़े हुए, हाथों में अस्त्र सुशोभित है, उर से भय आज तिरोहित…
स्वतन्त्रता-दिवस
पन्द्रह अगस्त की बेला पर रवि का दरवाजा खुलता है, सब ऊपर से मुस्काते हैं पर अंदर से दिल जलता है जब सूखे नयन-समन्दर में…
नमन करो उन वीरों को
शहीदों को नमन ****** नमन करो उन वीरों को जिनसे से यह देश हमारा है उनके साहस के दम पर महफूज घरों में रहते हैं…
श्रधांजलि
आवो ! हम सब नमन करें भारत के वीर सपूतो का ! जिनने आज़ादी के हवन कुंड में अपना सब कुछ होम दिया आवो !…
जंगे आज़ादी (आजादी की ७०वी वर्षगाँठ के शुभ अवसर पर राष्ट्र को समर्पित)
वर्ष सैकड़ों बीत गये, आज़ादी हमको मिली नहीं लाखों शहीद कुर्बान हुए, आज़ादी हमको मिली नहीं भारत जननी स्वर्ण भूमि पर, बर्बर अत्याचार हुये माता…
वाह
नमन उन सभी को
जिसने सुरक्षित है
अपना वतन।
नमन
उन राजहंस को
जिसने जंगल को
भी बनाया चमन।
देश भक्ति की संवेदना से ओत प्रोत पंक्तियाँ हैं
जय हो कवि की देशभक्ति को प्रकट करते हुए रचना सराहनीय है
जय हिंद