जरा चिंगारियों के वास्ते
न रखना आंख अपनी तुम
इस तरह से सदा ही नम
जरा चिंगारियों के वास्ते
स्थान भी रखना।
किसी की बात कोई सी
न आये आपके यदि मन
उसे इग्नोर कर देना
मगर अपमान मत करना।
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harish pandey - October 8, 2020, 9:23 pm
बहुत ही सुंदर कविता, वाह वाह
Ramesh Joshi - October 8, 2020, 9:29 pm
बहुत खूब वाह
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - October 8, 2020, 9:45 pm
बहुत खूब
Geeta kumari - October 8, 2020, 10:22 pm
बहुत सुंदर भाव , कवि सतीश जी ने किसी का भी अपमान ना करने की बहुत ही सुंदर सलाह दी है । बहुत ज्ञान वर्धक रचना
Devi Kamla - October 8, 2020, 10:31 pm
वाह वाह बहुत खूब सर
Harish Joshi - October 8, 2020, 11:08 pm
बहुत ही सुन्दर।👌👌
Saurav Tiwari - October 11, 2020, 8:38 am
👌👌bhut sundar