जलते चिराग..
जलते चिराग़ों से कह दो, कहीं और जा के जलें ,
ख़ुशी बहुत है यहां जलने वालों का काम नहीं…
……….✍️ गीता………
जलते चिराग़ों से कह दो, कहीं और जा के जलें ,
ख़ुशी बहुत है यहां जलने वालों का काम नहीं…
……….✍️ गीता………
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बिल्कुल उचित पंक्तियां लिखी हैं आपने। वाह वाह
बहुत बहुत धन्यवाद आपका रमेश जी 🙏
वाह बहुत खूब, शानदार लेखन क्षमता
बहुत शुक्रिया पीयूष जी 🙏
ख़ुशी बहुत है यहां जलने वालों का काम नहीं… वाह वाह क्या बात है।
जमाना लाख कोशिश करे, लेकिन खुशमिजाज सदैव बिंदास रहते हैं।
इस सुन्दर समीक्षा हेतु आपका बहुत बहुत धन्यवाद सतीश जी। आपकी यही प्रेरणादयक समीक्षाएं बहुत उत्साह वर्धन करती हैं। अभिवादन सर 🙏
अतिसुंदर भाव
सादर धन्यवाद भाई जी 🙏
बेहतरीन प्रस्तुति
Thank you
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति
बहुत बहुत धन्यवाद