Categories: शेर-ओ-शायरी
Related Articles
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
वन डे मातरम्।।
गणतंत्र है हम देश सबका। आते इसमें हम सारे हर जाती हर तबका।। सोई हुई ये देशभक्ति सिर्फ दो ही दिन क्यूँ होती खड़ी।…
वन डे मातरम
स्वतंत्र हैं हम देश सबका। आते इसमें हम सारे हर जाती हर तबका।। सोई हुई ये देशभक्ति सिर्फ दो ही दिन क्यूँ होती खड़ी। एक…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-9
दुर्योधन भले हीं खलनायक था ,पर कमजोर नहीं । श्रीकृष्ण का रौद्र रूप देखने के बाद भी उनसे भिड़ने से नहीं कतराता । तो जरूरत…
बेरोजगारी की जलन।
बेरोजगारी की जलन। नभ पर घटा घनघोर है तम भी बिछा हर ओर है, इन झुरमुटों को चीरकर आता न अब शीतल पवन। बेरोजगारी की…
Very good
सुंदर पंक्तियां
वाह
Nice line
Great