जान भी तू है ज़िन्दगी तू है

जान भी तू है ज़िन्दगी तू है
जाने जाँ जाने शायरी तू है
खुश्बू-ए-इश्क से धुली तू है
मेरी सांसो मॆं बस गई तू है
रूबरू ख़्वाब मॆं हक़ीक़त मॆं
मेरी रग रग मॆं दौड़ती तू है
किरने बिस्तर पे मेरे पड़ती हैं
जैसे खिड़की से झांकती तू है
शाम के वक़्त छत पे आ जाना
मुझको किस दर्ज़ः चाहती तू है
फूल जैसा हँसी बदन तेरा
उम्र गुज़री मगर वही तू है
तेरा आरिफ है मुतमईन जानाँ
दूर रह कर भी पास ही तू है
आरिफ जाफरी
nice
Shukriya
bahut khoob
Shukriya
वाह लाज़वाब
Shukriya
So nice
Nice lines
सुन्दर