जिंदगी की उलझनों से फुर्सत लेकर
जिंदगी की उलझनों से फुर्सत लेकर
आओ बैठो मेरे पास कुछ पल•••
दो आराम अपनी सांसों को
बंद कर दो मुट्ठी में सितारों को
……जुगनू बिछा दो पैरों के तले
आ पंख फैलाकर
आसमान में उड़ चले•••
गर्म हो रहे हों जब
आंखों के समंदर
बर्फीले एहसासों को
भर लो तुम दिल के अन्दर•••
भीग जाओ बारिश की बूंदों में
बिखर जाओ मोतियों-सा तुम खुद में
°°°जिंदगी की उलझनों से फुर्सत लेकर
आओ बैठो मेरे पास कुछ पल•••
अतिसुंदर
धन्यवाद
धन्यवाद
दिल पे जोर कब चला है जो आज चलेगा।
धन्यवाद
धन्यवाद