जिंदगी की दौड़।

यह जिंदगी की दौड़ है, जनाब!
यहां सब दौड़ लगाते हैं।
कोई हार कर जीतने की,
दौड़ लगाता है।
कोई जीत कर,
फिर से जीतने का,
जश्न मनाता है।
यह जिंदगी की दौड़ है, जनाब।

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

फ़िर बतलाओ जश्न मनाऊँ मैं कैसी आजादी का

आतंकी की महिमा मंडित मंदिर और शिवाले खंडित पशु प्रेमी की होड़ है फ़िर भी बोटी चाट रहे हैं पंडित भ्रष्टों को मिलती है गोदी…

हार जाने की खुशी

उन्हें जिताना मुझे अच्छा लगता है प्रथम स्थान वही पाये इसलिए उनसे हार जाना मुझे अच्छा लगता है वे तो मेरे बड़े भय्या हैं उनका…

Responses

+

New Report

Close