Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Related Articles
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
फ़िर बतलाओ जश्न मनाऊँ मैं कैसी आजादी का
आतंकी की महिमा मंडित मंदिर और शिवाले खंडित पशु प्रेमी की होड़ है फ़िर भी बोटी चाट रहे हैं पंडित भ्रष्टों को मिलती है गोदी…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
हार जाने की खुशी
उन्हें जिताना मुझे अच्छा लगता है प्रथम स्थान वही पाये इसलिए उनसे हार जाना मुझे अच्छा लगता है वे तो मेरे बड़े भय्या हैं उनका…
हिन्दी कविता-हार न जीत का जश्न |
हिन्दी कविता-हार न जीत का जश्न | हुआ फैसला राम मंदिर नहीं हार न जीत जशन करे | बना रहे अमन चैन वतन राम रहीम…
बहुत खूब
धन्यवाद सर
धन्यवाद सर
बहुत ही सुन्दर शब्दों से निर्माण किया है आपने।
धन्यवाद सर
हार्दिक धन्यवाद सर
अच्छी रचना
धन्यवाद
Zindagi😍❤
Wah!!!🤗
Thank you
Race of life. A true word🚵
Thank you
बहुत बढ़िया
बहुत बहुत धन्यवाद