Categories: शेर-ओ-शायरी
anupriya sharma
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कविता : मोहब्बत
नदी की बहती धारा है मोहब्बत सुदूर आकाश का ,एक सितारा है मोहब्बत सागर की गहराई सी है मोहब्बत निर्जन वनों की तन्हाई सी है…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
भाव पुराने होते हैं
कविताएँ नई होती हैं, पर भाव पुराने होते हैं। गैम्बलर बदल जाते हैं, पर दाव पुराने होते हैं।। कितना भी लेबुल बदलते रहो पर शराब…
थकी सी ज़िंदगी
कुछ थकी थकी सी, कुछ रुकी रुकी सी हो गई है ज़िंदगी, जी रहे हम सब यहां, पर जीवन से कहीं दूर हो गई है…
ज़िंदगी अभी तक थमी हुई है
उसका हुस्न – ए – तसव्वुर जैसे ज़िंदगी थमी हुई है ज़ियारत -ए -रुख़-ए -अनवर आज सुबह ही हुई है उसकी सोहबत से फ़ुरक़त हैं …
Very nice
thanks
very nice
thanks
Be brave… never give.. life is never same and keep changing every day… so be brave and enjoy life in all situation
वाह बहुत सुंदर
Nice anupriya ji