जिन राहों पर चैन नहीं
जिन राहों पर चैन नहीं
उन राहों पर चलना ही क्यों।
जो बातें ठेस लगाती हों
उन बातों को करना ही क्यों।
अपने पथ पर चलते जाना
सबसे स्नेह करते जाना,
पल पल मुस्काना, खुश रहना
दुःख की बातें करना ही क्यों।
अच्छा जीवन, अच्छी बातें
अच्छों से नेह, मुलाकातें,
जितना हो अच्छा कर देना
बाकी मतलब रखना ही क्यों।
अपना दायित्व निभा देना,
जो माने बात उसे थोड़ा
सच्ची बातें समझा देना
बाकी झंझट रखना ही क्यों।
जिन राहों पर चैन नहीं
उन राहों पर चलना ही क्यों।
जो बातें ठेस लगाती हों
उन बातों को करना ही क्यों।
बहुत बढ़िया
Thanks
✍👌👌👌
Thanks ji
Well said
Thanks ji
वाह,वाह बहुत सुंदर रचना ।बहुत ही सच बात बोल डाली आपकी लेखनी ने👏👏
आपको बहुत सारा धन्यवाद देता हूँ कि आपने इतनी सुन्दर समीक्षा की।
यह रचना आपकी सबसे बेहतर रचनाओं में से एक है
सादर धन्यवाद सर
बहुत सुन्दर भाव और सटीक विचार
वाह वाह
बहुत बहुत आभार व्यक्त करता हूँ शास्त्री जी, आपका स्नेह यूँ ही बना रहे।