Categories: मुक्तक
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
हिन्दी गीत- सुना घर परिवार बिना |
हिन्दी गीत- सुना घर परिवार बिना | प्रिया प्रिय बिना देह हिय बिना | नीर क्षीर बिना भोजन खीर बिना | उत्सव उदास उपहार बिना…
हिन्दी ओज कविता-अभिनन्दन बना लेंगे |
हिन्दी ओज कविता-अभिनन्दन बना लेंगे | मिट्टी वतन सिर माथे चन्दन बना लेंगे | ऊंचा तिरंगा भारत सदा वंदन बना लेंगे | रंगी शहीदो खून…
खयाले यार से दिल खुशगवार कर लेंगे
खयाले यार से दिल खुशगवार कर लेंगे मिला न तू तिरे ख्वाबों से प्यार कर लेंगे नसीब सबको नहीं हैं गुलाब की राहें नहीं हैं…
ये वक्त भी बीत जाएगा
एक दिन मधुसूदन ने,पार्थ को था विचलित देखा, मन बड़ा व्याकुल और व्यथित देखा, पूछते मधुसूदन,पार्थ!कहो क्या है बात , बोले पार्थ, हे मधुसूदन,ऐसा बतला…
nice
Thanks
बहुत खूब
शुक्रिया
Good
Thanks