“जीवन है एक सत्य”

मृत्यु है निश्चित तो
डरना कैसा ?
जीवन है एक सत्य तो
घबराना कैसा ?
सीड़ियों पर बैठी मुश्किल
देखे रस्ता••
जब हो बाजुओं में बल तो
घबराना कैसा!
करते रह तू प्रयत्न तो
सुलझेगी गुत्थी
प्रेम से मिलकर रहें तो फिर
वैमनस्य कैसा!!!

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