जुबां जो कह नहीं सकती..
जुबां जो कह नहीं सकती
आंखें वो राज़ कहती हैं।
दिल में जो कुछ भी चलता है
धड़कनें आवाज करती हैं ।
लगाए लाख भी पहरे
दिलों पर चाहे जमाना,
मोहब्बत तोड़कर पहरे
दिल को आजाद करती है।
मिले ना दुनिया की शोहरत
सच्चा दिलदार मिल जाए।
जहां में प्यार की दौलत ही
सच में आबाद करती है।
किसी को टूट कर चाहो
अगर वो छोड़ दे दामन,
एक तरफा मोहब्बत ही ‘प्रज्ञा’
जलाकर खाक करती है।
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Pt, vinay shastri 'vinaychand' - June 8, 2020, 10:47 pm
बड़ी सुंदर रचना
Pragya Shukla - June 8, 2020, 11:20 pm
धन्यवाद
Panna - June 9, 2020, 8:08 am
nice
Pragya Shukla - June 9, 2020, 9:56 am
Thanks
Pragya Shukla - June 9, 2020, 10:02 am
थैंक्स
देवेश साखरे 'देव' - June 9, 2020, 12:06 pm
बहुत खूब
Pragya Shukla - June 9, 2020, 12:09 pm
धन्यवाद आपका
महेश गुप्ता जौनपुरी - June 14, 2020, 7:46 pm
वाह
Pragya Shukla - June 19, 2020, 9:22 am
🙏
Abhishek kumar - July 12, 2020, 11:50 pm
Good
प्रतिमा चौधरी - September 26, 2020, 1:14 pm
बहुत बढ़िया