जो ऊँगली पकड़ चलाती है
जो ऊँगली पकड़ चलाती है,
जो हर दम प्यार लुटाती है,
जो हमको सुलाने की खातिर,
खुद भूखी ही सो जाती है,
खेल खिलौने कपड़े लत्ते जो हमको दिलवाती है,
खुद एक ही साड़ी में जो सारा जीवन जीती जाती है,
अपने सपनों को तज कर जो हमको सपने दिखलाती है,
कोई और नहीं कोई और नहीं वो बस एक माँ कहलाती है॥
राही (अंजाना)
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Thank you
Waah
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