जो लिखा ही नहीं वो ख़्यालो में है।
जो लिखा ही नहीं वो ख़्यालो में है।
जिंदगी का मज़ा अब सवालों में है।।
,
जो जाता है उसको चले जानें दो।
देख लेंगे हम ग़म के जो प्यालों में है।।
,
तस्वीरों को तेरी मैं अब रखता नहीं।
बस तेरा चेहरा अंधेरे उजालों में है।।
,
आँखों में मेरी है मंजिल ही मंजिल।
फिर दर्द थोड़े न पैरो के छालों में है।।
,
मौसमो की तरह था जो बदलता रहा।
चर्चा उसी की वफ़ा के मिसालों में है।।
@@@@RK@@@@
DIL KO CHHU GYI GHAZAL
धन्यवाद हौसला बढ़ाने के लिए
बहुत खूब बेहतरीन सृजन
बहुत बहुत धन्यवाद सर
वाह
शुक्रिया
Good
वाह
Nice