Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Tags: संपादक की पसंद
Related Articles
सत्ता और सुन्दरी
सत्ता और सुन्दरी एक ही सिक्के के दो पहलू दोनों का चरित्र : दलबदलू इक- दूजे के बिना अधूरे दोनों प्रतिबध्द परस्पर पूरे आदमी के…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…
आज कुछ खाली – खाली लगता है
आज कुछ खाली – खाली लगता है …२ यूँ जो छोड़ गए तुम मुझके … हर चेहरा सवाली लगता है … आज कुछ खाली –…
वाह वाह
Nice poem
गरीब जनता की बेबसी और सत्ता की कुरता को उजागर करती हुई सफल प्रस्तुति 👌
बहुत ही सुन्दर
मनुष्य की बेबसी को उजागर करती हूं सुंदर रचना
वाह