*टूटा तारा*
टूटे तारे के बारे में,
किसने कब सोचा है
उससे मांगे सब दुआ,
यह ना पूछे कोई भी
बता तेरे संग क्या हुआ
क्या कोई तेरा साथी छूटा,
तारे क्यूं तेरा दिल टूटा
वह टूटा, टूटता ही गया
बिछड़ गया अम्बर से सारे,
रोने लगे फिर बाकी तारे
अगर उसके टूटने पर,
अम्बर से छूटने पर
रोक लेते वहीं पर उसको,
देते थोड़ा सा प्यार
तो आज वो भी चम-चम चमकता,
बीच उनके रहकर दमकता
_____✍️गीता
जब मन दुःखी हो तो हर ओर वेदना ही नजर आती है
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति
सुन्दर समीक्षा हेतु आपका हार्दिक धन्यवाद प्रज्ञा जी
टूटते हुए तारे के बारे में सोचना कवियित्री की कोमल भावनाओं को व्यक्त करता है । बहुत ही खूबसूरत रचना
बहुत सुंदर कविता
अतिसुंदर भाव
बहुत बहुत धन्यवाद भाई जी 🙏