ठंडी हवा
झूठी हंसी से अच्छा है,
चलो खुल कर रो लेते हैं
बार-बार नजर अंदाज
होने से अच्छा है
कि नज़र आना ही छोड़ देते हैं
रोज़-रोज़ चोट खाने से अच्छा है
कि चलो हम चलना ही छोड़ देते हैं
बाहर ठंडी हवा बहुत ही तेज़ है
चलो हम घर से निकलना ही छोड़ देते हैं
_____✍️गीता
बहुत सुन्दर रचना
धन्यवाद संदीप जी
अतिसुंदर भाव
सादर धन्यवाद भाई जी🙏
उत्तम रचना, सुन्दर अभिव्यक्ति
बहुत बहुत धन्यवाद सतीश जी
सही कहा.
बहुत खूब
बहुत-बहुत धन्यवाद प्रज्ञा जी
Thanks bro