ठान लो तो क्या मुश्किल है

ये लम्बी दूरियों का फासला
तय कर पाना मुश्किल है
थोड़ा तुम चलो
थोड़ा हम चलें
फिर मंजिल पाना कहाँ
नामुमकिन है
प्यार ही तो है मंजिल हमारी
तुम्हारे सजदे में
ये मेरा दिल है
सफर यूं तो आसान नहीं अपना
पर ठान लो तो क्या मुश्किल है !!

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Responses

  1. ये मेरी दुनिया तेरी महफिल नही,
    ये तेरी महफिल मेरी दुनिया नही ।
    मैं बन्दिशों का राजा, तु रानी गगन की,
    मैं उजड़ा चमन, तु बसंत की कलि ।
    ये मेरी दुनिया तेरी महफिल नही,
    ये तेरी महफिल मेरी दुनिया नही ।।1।।

    तु है सनम किसी और के लिए,
    मैं हूँ अपना, सिर्फ अपनी जमीं के लिए ।
    तेरे घर है गगन, मेरे आँगन है धरा ।
    तेरा मेरा मिलना बोले कैसे रे हुआ?
    ये मेरी दुनिया तेरी महफिल नही,
    ये तेरी महफिल मेरी दुनिया नही ।।2।।

    लूटा दूँ अगर तुझपे ये मैं अपनी जवानी,
    पूछेगा मेरा उम्र एक दिन मुझसे ये सब कहानी ।
    तेरी दुनिया, तेरी महफिल में जश्न मनेंगे सब-दिन,
    लेकिन मैं अपनी कहानी में खो जाऊँगा एक दिन ।।
    ये मेरी दुनिया तेरी महफिल नही,
    ये तेरी महफिल मेरी दुनिया नही ।।3।।

    कवि, गीतकार विकास कुमार

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