“तलब” #2Liner-68
ღღ__तुमसे मिलने की तलब, कुछ इस तरह लगी है “साहब”;
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जिस तरह से कोई मयकश, मयखाने की तलाश करता है !!…..#अक्स
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very nice ankit
thank uuuuuuu Ajay bhai
आपकी शायरी की लगी है लत ऐसी
रूह अब मेरी हर तरफ़ आपके शेरों को ही तलाश करती है
बहुत-२ शुक्रिया अंजली जी …….:)
Good
Nice
वाह तुमसे मिलने की तलब
कुछ इस तरह लगी है
सुंदर पंक्तियां