“तलब” #2Liner-68
ღღ__तुमसे मिलने की तलब, कुछ इस तरह लगी है “साहब”;
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जिस तरह से कोई मयकश, मयखाने की तलाश करता है !!…..#अक्स
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Ajay Nawal - March 9, 2016, 11:36 am
very nice ankit
Ankit Bhadouria - March 10, 2016, 12:03 am
thank uuuuuuu Ajay bhai
Anjali Gupta - March 9, 2016, 6:06 pm
आपकी शायरी की लगी है लत ऐसी
रूह अब मेरी हर तरफ़ आपके शेरों को ही तलाश करती है
Ankit Bhadouria - March 10, 2016, 12:03 am
बहुत-२ शुक्रिया अंजली जी …….:)
राम नरेशपुरवाला - September 12, 2019, 11:16 pm
Good
Abhishek kumar - January 5, 2020, 9:47 am
Nice
Pragya Shukla - April 19, 2021, 12:42 pm
वाह तुमसे मिलने की तलब
कुछ इस तरह लगी है
सुंदर पंक्तियां