“तलब” #2Liner-68

ღღ__तुमसे मिलने की तलब, कुछ इस तरह लगी है “साहब”;
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जिस तरह से कोई मयकश, मयखाने की तलाश करता है !!…..‪#‎अक्स

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Responses

  1. आपकी शायरी की लगी है लत ऐसी
    रूह अब मेरी हर तरफ़ आपके शेरों को ही तलाश करती है

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