तुच्छ राजनीति
ये राजनीति बड़ा ही मीठा जहर,
मानवता पर बड़ा ढहाती कहर ,
होते दंगे ,बिखर जाती लाशें,
फिर मिडिया हमारी,
दिखाती दलाली,
हाए! हिन्दू मर गया ,
हाए! मुस्लिम मर गया,
पर कौन बताए?
और कौन समझाए ?
केवल इंसान मरता है,
तुम्हारे तुच्छ मंसूबों से,
केवल इंसान मर गया,
हां ,इंसान मर गया।
True
🙏 धन्यवाद जी! बिल्कुल , मगर समझने को कोई तैयार नहीं हैं।
👍
🙏
अत्यंत सच कहा है मानुष सर आपने, वाह, बेहतरीन
सादर आभार सर 🙏
Very true
बहुत बहुत धन्यवाद मैडम जी 🙏
सच कहा
सादर धन्यवाद
सुंदर
सादर धन्यवाद
सुन्दर अभिव्यक्ति
बहुत बहुत धन्यवाद
Satya vachan
सादर आभार