तुम्हारा तोता
पंछी हूँ
उड़ना चाहता हूँ
पिंजरे में कैद हूँ
इक आज़ाद आसमां चाहता हूँ
माना घर में सुरक्षित हूँ
पर खुद का बनाया घरौंदा चाहता हूँ
जो तुम चाहो वही बोलता हूँ
खुद की भी आज़ाद जुबां चाहता हूँ
यहाँ ख़ामोशी में रहता हूँ
पर साथियों का शोर चाहता हूँ
Nice Nice
ty
सुन्दर रचना
धन्यवाद
गुड
बहुत खूब
बहुत सुंदर।