तुम्हारा स्वागत ना कर सकी !!
हे नव वर्ष !
तुम्हारा स्वागत
ना कर पाई मैं !
तुम्हारे आगमन के
उपलक्ष्य में हजारों
तैयारियां करना चाहती थी
पर कर ना सकी !
तुम्हें समेटना चाहती थी
प्रेम से,
दुलार देना चाहती थी,
पर अश्रु धारा प्रवाहित
करने के पूर्वाभ्यास के कारण
सिर्फ रोती रह गई और तू आ गया
बिना किसी आदर-सत्कार के !
विगत वर्ष में सिर्फ हृदय में
घाव ही मिले
जिनसे मेरा चट्टान जैसा हौसला
धराशाही हो गया
कितना कुछ लिखना चाहती थी
तुम्हारे लिए
अनगिनत पंक्तियां लिखना चाहती थी
तुम्हारे अभिनन्दन में,
परंतु एक पंक्ति भी ना
समर्पित कर सकी तुम्हें !!
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Pt, vinay shastri 'vinaychand' - January 1, 2021, 8:34 pm
बहुत खूब
Geeta kumari - January 1, 2021, 9:20 pm
बहुत सुंदर भाव
Satish Pandey - January 1, 2021, 9:29 pm
बहुत खूब , सुन्दर अभिव्यक्ति
Suman Kumari - January 1, 2021, 10:36 pm
बहुत ही सुन्दर
Virendra sen - January 2, 2021, 8:16 am
अति सुन्दर भाव